अहमदाबाद। यह सुनने में भले ही अटपटा लगे लेकिन सच है। यहां सरकार तेंदुओं की नसबंदी की तैयारी कर रही है। आमतौर पर सरकार वन्य जीवों, खासतौर पर बाघ, शेर व इसकी प्रजाति के अन्य प्राणियों के संरक्षण की अपील करती है। इनकी संख्या को बढ़ाने के लिए समाज से आह्वान करते हुए सरकार के साथ ही संस्थाएं भी आगे आती हैं, लेकिन यहां तो अलग ही खबर सुनने में आ रही है। खबर है कि गुजरात सरकार तेंदुओं की संख्या को नियंत्रित करने को लेकर तैयारी कर रही है। हालांकि इसके पीछे अपने कारण हैं। सौराष्ट्र और कच्छ इलाकों में तेंदुओं की बढ़ती तादाद अब सिरदर्द बन गई है। लोगों की जान को खतरा बढ़ गया है। ऐसे में अब सरकार इनकी नसबंदी का मन बना चुकी है।
सौराष्ट्र व कच्छ इलाके में तेंदुओं की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण के लिए गुजरात सरकार इनकी नसबंदी कर सकती है। गत दिनों सौराष्ट्र अमरेली इलाके में एक तेंदुआ ने खासा आतंक मचा रखा था, आदमखोर तेंदुआ अब तक 14 लोगों को अपना शिकार बना चुका है और कई लोगों को गंंभीर रूप से घायल कर चुका है।
गुजरात सरकार तेंदुओं की बढ़ती संख्या पर लगाम कसने के लिए इनकी नसबंदी करने पर विचार कर रही है, केंद्र से मंजूरी मिलते ही इस अभियान को शुरू किया जाएगा। गुजरात स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की गांधीनगर में हुई बैठक में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने प्रदेश में बसे पशु पक्षियों की सुरक्षा, संवर्धन व गणना संबंधी कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।
पशु और पक्षियों को लेकर यह भी तैयारी
- पक्षियों को बिजली के तार व पवनचक्की से टकराने से बचाने के लिए बर्ड डायवर्टर व अंडरग्राउंड केबल बिछाई जाएगी।
- राज्य में शेरों के अलावा रीछ अभयारण्य भी विकसित किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैंं कि मानवबस्ती व राजस्व विस्तार में आतंक मचाने वाले तेंदुओं को पकड़कर रेडियो कॉलर लगाकर ही जंगल में छोडा जाए ताकि उनकी स्थिति का पता रखा जा सके।
घूमंतू पक्षियों की सुरक्षा के लिए हाईटेंशन बिजली के तारों के लिए अंडरग्राउंड केबल बिछाई जाएगी साथ ही टॉवर व पवन चक्कियों से पक्षियों को बचाने के लिए बर्ड डायवर्टर लगाए जाएंगे।
- कच्छ के घोराड व खडमोर पक्षियों के संवर्धनकेिलए जनभागीदारी से ब्रीडिंग सेंटर बनाया जाएगा।
- अगले साल एशियाई शेरों की गणना के लिए सरकार आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस का उपयोग करेगी।